एक माँ का अपने बच्चे को स्तनपान (Breast feeding) कराना संसार का सबसे बड़ा सुख होता है। माँ के स्तन (stan) का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। माँ के स्तन से निकालने वाला पहला गढ़ा दूध (milk) बच्चे को कई तरह के बीमारियों से लड़ने की शक्ति (Immunity power) देता है। परंतु यदि माता को पता चले कि उनके शरीर में बच्चे (child) के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध (doodh) का निर्माण नहीं हो पा रहा है तो उनका चिंतित होना स्वाभाविक है। कई बार कुछ विशेष कारणों से माँ के स्तन में दूध (Breast milk of mother) की कमी हो जाती है जिससे उसके शिशु को पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल पाता है। इससे शिशु के समुचित शारीरिक विकास में बाधा हो सकती है। जन्म के बाद एक घंटे तक नवजात शिशु (New born baby) में स्तनपान (stanpaan) करने की तीव्र इच्छा होती है। इसलिए जन्म के बाद जितनी जल्दी मां, बच्चे को दूध (bachche ka doodh) पिलाना शुरू कर दे, उतना अच्छा है। आमतौर पर जन्म के 45 मिनट के अन्दर स्वस्थ बच्चों को स्तनपान (stanpan) शुरू करवा देना चाहिए। पर एक माँ यह कैसे पता कर सकती है की उनके शरीर में द...