सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

चेहरे की त्वचा को निखारने के लिए क्या करें?

कौन नहीं चाहता की उसका चेहरा सुंदर (Sundar chehra) हो। कौन अपनी चेहरे की त्वचा (Chehre ki tvacha) को निखारना नहीं चाहता। सुंदर चेहरे तो स्त्री का गहना होता है। एसे में चेहरे की त्वचा की देख-भाल भी उतनी ही आवश्यक है। एसे में यदि आप अपने चेहरे की त्वचा में निखार लाना चाहते है तो आप नीचे दिये गए फेस मास्क का प्रयोग कर सकते है। 

त्वचा की रंगत (Tvacha ki rangat) को निखारने के लिए फेस मास्क (Face mask) को बहुत ही उपयोगी माना जाता है। चेहरे की त्वचा में फेस मास्क का प्रयोग करने से चेहरे की त्वचा में रक्त संचार बढ़ता है साथ-ही-साथ डेड सेल्स भी हट जाते है और चेहरा खूबसूरत (Khubsurat chehra) और जवां बन जाता है। परंतु फेस मास्क का चयन आपकी त्वचा के अनुसार (Tvacha ke anusar) ही होना चाहिए। अलग-अलग व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार की त्वचा (Tvacha ke prakar) होती है। कोई त्वचा रूखी (Rukhi tvacha) होती है तो कोई तैलीय होती है। किसी की त्वचा छिद्र (Tvacha chidra) वाली होती है तो किसी की त्वचा काले मस्से युक्त (kale masseyukt tvacha) होती है। अतः यहाँ हम कुछ घरेलू पदार्थों से विभिन्न प्रकार के त्वचा के लिए फेस मास्क (Tvacha ke lie face mask) बनाने के विधि के बारे में बता रहे है जिन्हें आप अपने घरों में बना कर इनका इस्तेमाल कर सकते है और अपने चेहरे को निखार सकते हैं। 
1.  तैलीय त्वचा के लिए (Tailiye tvacha ke liye) : जिन लोगों की त्वचा तैलीय (Tailiye tvacha) है वे केले को अद्दूकस कर लें और इसमें आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएँ और इसका पेस्ट बना लें। अब इस मास्क को चेहरे पर लगाएँ। बीस मिनट तक लेप को रहने दें फिर पानी से धो लें। 

2. रूखी त्वचा के लिए (Rukhi Tvacha ke liye) : केले को मैश करके उसमें आधा चम्मच शहद एवं एक चम्मच पाउडर दूध मिला कर रहने दें। बीस मिनट के बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें। 

3. सामान्य त्वचा के लिए (Samanya tvacha ke liye) : यदि आपकी त्वचा सामान्य है तो ककड़ी को पीस कर पेस्ट बना लें और अपने चेहरे में लगाएँ। ककड़ी आपके चेहरे की त्वचा में कसावट लाती है। यह आँखों के किनारे की त्वचा (Ankhon ke kinare ki tvacha) के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह त्वचा को ठंडक भी पाहुचती है। बीस मिनट बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें। 

4. छिद्रों वाली त्वचा (Chidra vali tvacha) के लिए: जौ के आटे के साथ दूध मिला लें अब उसमें थोड़ा सा नींबू और मुलतानी मिट्टी (Multani Mitti) मिला कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे में नियमित रूप से लगाएँ। तैलीय और मिली-जुली त्वचा के लिए भी मुलतानी मिट्टी का मास्क (Multani Mitti ka mask) फैयदेमंद होता है। 

5. काले मस्से युक्त त्वचा के लिए : पहले केले को मैश कर लें और उसमें जौ का आटा मिलकर पेस्ट बना लें। पेस्ट को अपने चेहरे में लगाएँ और आधे घंटे तक सूखने के लिए छोड़ दें। उसके बाद रगड़ते हुए साफ पानी से धो लें। 

मास्क लगाने से पहले अपने बालों को पीछे को ओर अवश्य बांध लें। साफ पानी से पहले चेहरे को अच्छी तरह धो लें। मास्क को चेहरे के नरम हिस्से जैसे आँखों के किनारे पलकों और होंठों में न लगाएँ। मास्क को कम से कम आधे घंटों तक सूखने अवश्य दें। इसके बाद पानी से चेहरे को अच्छी तरह धो लें। अब तौलिये से चेहरे को अच्छी तरह सूखा लें। ध्यान रहे की तौलिये से चेहरे को रगड़े नहीं। 
[Tags: Chehre ko nikharne ke liye keya kare, Tailiya twacha ki dekh bhal kaise karen, rukhe ya shushk twacha ki dekh rekh kaise kare, Samanya twacha ki dekh rekh kaise karen] 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सीसीटीवी कैमरा क्या है और कितने प्रकार की होती है?

सीसीटीवी कैमरा सावधानी एवं सुरक्षा के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण होता है जिसका पूरा नाम होता है क्लोज सर्किट टीवी, जो किसी भी कैमरे से रिकॉर्ड हुई किसी भी चीज को देखने के लिए एक सर्किट के जरिये दर्शक तक पहुँचाया जाता है। सीसीटीवी कैमरे के प्रकार (Types of CCTV) हिडेन कैमरा (Hidden Camera) यह बॉक्स की तरह होता है। इसमें एक छोर पर लेंस के साथ आयताकार यूनिट होता है। इसका इस्तेमाल रिटेल दुकानों में ज्यादा किया जाता है। बॉक्स होने के कारण सुरक्षा कि दृष्टि से इसका इस्तेमाल ज्यादा होता है। आईटी कैमरा (IT Camera) यह डिजिटल कैमरा होता है। इसकी गुणवत्ता अन्य  एनालॉग कैमरा से 20 गुना ज्यादा होता है। इसका इस्तेमाल सभी जगहों पर होता है। बुलेट कैमरा (Bullet Camera) यह कैमरा ट्यूब की तरह होता है। इसमें सिल्वर या एल्युमिनियम शेप के कवर में लेंस होता है। इससे रिकॉर्डिंग यूनिट जुड़ा होता है। छोटा आकर होने के कारण इसे आसानी से बहार के दीवारों में लगाया जा सकता है। इसमें खासियत यह है की यह अँधेरे में भी रिकॉर्डिंग कर सकता है। डोम कैमरा (Dome Camera) इस तरह का कै...

डायरिया क्या है और इससे कैसे बचें What is Diarrhea in hindi

यदि आपको दिन में तीन बार से अधिक पतला शौच हो तो यह डायरिया के लक्षण (Diarrhea ke lakchan)  होते हैं। यह बीमारी मुख्यतः रोटा वायरस के शरीर में प्रवेश से होता है। यह दो प्रकार का होता है - एक्यूट और क्रोनिक डायरिया।  डायरिया के कारक (Dairiya ke karak) :- डायरिया (Dayria) साधारणता दूषित पनि पीने से होता है। कई बार यह निम्नलिखित कारणों से भी होता है। 1. वायरल इन्फेक्शन के कारण 2. पेट में बैक्टीरिया के संक्रामण से 3. शरीर में पानी कि कमी से 4. आस-पास सफाई ठीक से न होने से डायरिया के लक्षण (Diarrhea ke laxan) :- दिन में लगातार तीन से अधिक बार पतला शौच आना डायरिया का मुख्य लक्षण है। यह साधारणता एक हफ्ते में ठीक हो जाता है। यह क्रोनिक डायरिया (Chronic Diarrhea) कहलाता है। समय पर इलाज न होने पर यह खतरनाक हो जाता है। यह ज़्यादातर बच्चों में होता है और इसमें मृत्यु का सबसे बड़ा कारण डिहाइड्रेशन होता है। पेट में तेज दर्द होना, पेट में मरोड़ होना, उल्टी आना, जल्दी जल्दी दस्त होना, बुखार होना, कमजोरी महसूस करना, आँखें धंस जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं। डाइरिया का इलाज (D...

कृत्रिम पेसमेकर क्या है? What is Artificial Pacemaker?

कृत्रिम पेसमेकर क्या है? What is Artificial Pacemaker in hindi. कृत्रिम पेसमेकर हृदय को आवश्यक इलेक्ट्रिक पल्स देता है, जिससे नियमित रूप से हृदय की धड़कन चलती रहे। हमारे शरीर में कुछ एसी कोशिकाएँ होती है जो हमारे दृदय की धड़कनों को नियंत्रित करती है। इन्हीं कोशिकाओं को पेसमेकर कहते है। हृदय रोगियों में जब ये कोशिकाएँ ठीक से कम नहीं करती है तो हृदय को उचित धड़कन प्रदान करने के लिए कृत्रिम पेसमेकर का सहारा लिया जाता है। जैसे जैसे हमारा शरीर हरकत करता है, वैसे-वैसे हमारे हृदय की धड़कने भी बढ़ती जाती है ताकि शरीर के सभी हिस्सों को जल्द और समुचित मात्रा में रक्त मिल सके। यदि हृदय की धड़कन आवश्यकतानुसार नहीं बढ़ पाती है, तो ऐसे समय मरीज को कृत्रिम पेसमेकर लगाने की जरूरत होती है। इसके दो मुख्य भाग होते है - बैटरी और तार। बैटरी ऊर्जा प्रदान करती है तो तार उस ऊर्जा को हृदय तक पहुँचने का कम करती है। कुछ पेसमेकर एक तार वाले होते है तो कुछ दो तार वाले होते हैं। इस पेसमेकर का इंप्लांटेशन बहुत ही आसान है। इसके लिए मरीज के कंधे और गरदन के बीच एक मामूली चीरा लगाया जाता है और पेसमेकर को शरीर के अंदर...

एंटीओक्सीडेंट क्या है? What is Antioxidant in hindi

एंटीओक्सीडेंट वे अणु होते है, जो दूसरे अणुओं के ओक्सीडेशन को रोकते है। यह कोई एक पदार्थ नहीं होता है, बल्कि अनेक पदार्थ एंटी-ऑक्सीडेंट कि तरह कार्य करते है। ये विटामिन, मिनरल्स और दूसरे कई पोषक तत्व होते है। बीटा कैरोटिन, ल्यूटिन लाइकोपिन, फ्लैवोनाइड, लीगनान जैसे एंटीओक्सीडेंट हमारे लिए बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मिनरल सेलेनियम भी एक एंटीओक्सीडेंट कि तरह कार्य करता है। विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन इ भी एंटीओक्सीडेंट के रूप में शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एंटीओक्सीडेंट का हमारे शरीर में क्या उपयोग है? हमारे शरीर में बहुत सारी क्रियाएँ होती रहती है। खाना ग्रहण करने के बाद उसका पाचन और अवशेषन होता है। मेटाबोलिज़्म में यह तय होता है कि इन पदार्थो में से कितना इस्तेमाल होगा और कितना संग्रह किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कुछ व्यर्थ पदार्थ भी बनता है, जिन्हें शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। एंटीओक्सीडेंट उनके साथ क्रिया करके शरीर को उनसे होने वाले नकारात्मक प्रभाव से बचाते है। एंडीओक्सीडेंट कई पदार्थों में पायी जाती है, लेकिन ताजे फल और हरी सब्जियों ...

घमंडी राजा की हार - लघु कथा

बहुत प्राचीन समय की बात है। एक राजा था। उसका नाम उदय सिंह था। वह बहुत अत्याचारी और क्रूर राजा था। उसका एक रसोइया था। जिसका नाम रामू था। रामू का अस्त्र-शस्त्र चलाने में कोई जोड़ नहीं था। अक्सर राजा युद्ध में उसे अपने साथ ले जाते थे। एक दिन रसोइया रामू से भोजन परोसने में देर हो गयी। जिसके कारण राजा उदय सिंह ने क्रोध में आकर रामू के दोनों हाथ कटवा दिये। रसोइया रामू ने सोचा मेरी इतनी सी गलती के लिए इतनी बड़ी सजा। उसने राजा को सबक सीखने की प्रतिज्ञा ली। वह राज्य के गरीब बच्चों को अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान देने लगा। एक दिन जब रामू बच्चों को शस्त्र सीखा रहा था। इस दौरान वह राजा द्वारा किये जा रहे अत्याचारों के बारे में भी उन बच्चों को बताता था। एक दिन सैनिकों ने उसकी बात सुन ली। उसने जाकर सारी बातें राजा को बतायी। क्रोध में आकर राजा ने रामू और उसके शिष्यों पर आक्रमण कर दिया।  रामू के शिष्यों ने राजा उदय सिंह के अनेक योद्धाओं को मार डाला। इस प्रकार राजा के बहुत कम सैनिक बचे। इससे पूरे राज्य में हाहाकार मच चुका था। अपनी हार को देखते हुए राजा स्वयम युद्ध करने आए। किन्तु रसोइया रा...