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भारत के बड़े एवं अनोखे म्यूजियम

म्यूजियम का इतिहास भारत में बहुत पुराना है। अंग्रेजों के शासन काल में भारत में सबसे पहले म्यूजियम की स्थापना हुई। चूँकि उस समय की राजधानी कलकत्ता (कोलकाता) थी, अतः 1814 में पहले म्यूजियम की स्थापना यंहा किया गया था।   अंग्रेजों का मकसद यह था की इस म्यूजियम के माध्यम से हमारे देश के कलाकृतियों को अपने देश ले जाना। ऐसा हुआ भी, इस म्यूजियम से कई दुर्लभ कलाकृतियां इंग्लैंड भेज दी गई। इसके बाद भारत में कई म्यूजियम बने। 1851 ई में केंद्रीय संग्रहालय मद्रास और 1863 ई में राज्य संग्रहालय लखनऊ की स्थापना किया गया। आज भारत में सारे छोटे-बड़े मिलकर करीब 450 संग्रहालय है।

भारतीय संग्रहालय, कोलकाता

कोलकाता का 'भारतीय संग्रहालय' न सिर्फ भारत का, एशिया का सबसे पुराना और बड़ा म्यूजियम है। इस म्यूजियम के छह हिस्से है। प्रतिएक हिस्से की एक अलग खासियत है। यहाँ ऐतिहासिक दस्तावेजों  के आलावा आर्कियोलॉजी, आर्ट, जियोलॉजी, जूलॉजी, बोटनी आदि अनेक विभागों में अलग-अलग वस्तुएं रखी गई है। इसे एक दिन में नहीं घुमा जा सकता है। अच्छे से घूमने के लिए आपको कम से कम तीन दिन लगेंगे।


नेशनल म्यूजियम दिल्ली
Photo by Arun J Bharali

यह म्यूजियम दिल्ली में है, इसके साथ ही इनकी कई शाखाएं विभिन्न शहरों में भी है। इस म्यूजियम में तीन गैलरियां है। यहाँ आकर ऐसा लगता है मनो चिड़िया घर आ गए है। यहाँ पक्छि एवं जानवरों को उनके रियल स्किन में केमिकल लगा कर उनकी स्टफिंग की गयी है। इससे यहाँ के पक्छि एवं जानवर सजीव सा लगते है। एक खास गैलरी में पर्यावरण के फायदे के बारे भी बताया गया है। एक हिस्से में एन सी आर टी के सिलेबस पर आधारित गैलरी भी है। इसमें इंसान, जीव-जंतु, आहार एवं ऊर्जा के बीच के निर्भरता को बताया गया है। इनके अलावा भी बहुत सारी जानकारियां भी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते है।

दिल्ली का टॉयलेट म्यूजियम

हमारे देश में एक म्यूजियम ऐसा है जिसकी गिनती विश्व के अनोखे म्यूजियम में होती है। यह म्यूजियम है दिल्ली के पालाम स्थित सुलभ टॉयलेट म्यूजियम। इसकी स्थापना 1992 ई में हुई थी। यहाँ टॉयलेट से संवंधित ऐतिहासिक घटनाओं समेत उनके उद्भव और विकास को समझा जा सकता है। इतना ही नहीं यहाँ विभिन्न आभूषणों से सुसज्जित टॉयलेट भी प्रदर्शनी में रखे गए है।

कर्नाटक गवर्मेंट म्यूजियम

बैंगलोर स्थित यह म्यूजियम देश के चुनिंदे मुजियमों से एक है। इसकी स्थापना 1856 ई में हुई थी। इसमें कर्णाटक की संस्कृति तथा देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति को देखने जा मौका मिलता है। यहाँ चन्दन के बने क्राफ्ट, राजधानी हस्तकारी और मोहनजोदड़ो की कलाकृतियां भी मौजूद है।

हवा महल म्यूजियम

राजस्थान के जयपुर स्थित हवा महल में यह म्यूजियम स्थित है। इसे महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। पैलेस ऑफ विंडोज के नाम से मशहूर इस महल में हजारों की संख्या में छोटी छोटी खिड़कियां है। म्यूजियम की गैलरी में कई अनोखी चीजें देखने को मिलता है।

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