सरसों (Sarson) त्वचा के रोगों के लिए बहुत फायदा होत है। राई को रातभर पानी में भिगोकर सुबह इस पानी को त्वचा पर लगाने से त्वचा की कई तरह की समस्याएं समाप्त हो जाती है।
कई बार बुखार आने के साथ साथ जीभ पर सफेद परत जाती है , और भूख व प्यास धीरे धीरे कम होने लगती है। इस तरह का बुखार होने पर सुबह के समय 4 - 5 ग्राम सरसों के चूर्ण (Sarson ka churn) को शहद के साथ लेने से कफ के कारण होने वाला यह बुखार ठीक हो जाता है।
शारीर के किसी स्थान पर कांच या कांटा चुभ जाने की स्थिति में सरसों (Mustard) को शहद में मिलकर प्रभावित स्थान पर लेप करने से कांच या कांटा त्वचा के अंदर से अपने आप बहार निकल आता है।
सरसो को पीस कर (Sarson ko pees kar) उसमें कपूर मिलकर जोड़ों पर मालिश करने से आमवात और जोड़ों के दर्द में फायदा होता है। कुछ इलाकों में मिट्टी के तेल मिलकर भी इस लेप का प्रयोगकिया जाता है।
सरसो के घोल (Sarson ka ghol) को सर पर लगने से सर के फोड़े, फुंसी ठीक होते हैं। इसके अलावा बालों का झड़ना और डेंड्रफ जैसे समस्यायों में भी फायदेमंद होता है।
चुटकी भर सरसों के चूर्ण (Sarson ka churn) को पानी के साथ घोलकर बच्चों को देने से वे रात में बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
सरसों को बारीक पीसकर यदि दर्द वाले हिस्से पर लेपित किया जाए तो आधे सिर का दर्द माईग्रेन में तुरंत आराम मिलता है।
अगर आपको लगता है की आपका ह्रदय शिथिल हो रहा है, और घबराहट के साथ आप बेचैनी और कंपन महसूस कर रहे हैं, तो अपने हाथों पैरों में राई को पीस कर मलने से आपको आराम मिलेगा।