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अदरक के गुण और फायदे

अदरक (Zingiber officinale)

अदरक के औषधीय गुण, फायदे और घरेलू नुस्खे/उपचार Benefits of Ginger in hindi, Adrak ke gun, fayde aur gahrelu nuskhe/upchar
Benefits of Ginger

सर्दी :- 20 ग्राम अदरक पीस कर एक कप पानी में मिला दें। एक घेटा रख दें । 15 मि०ली० साफ रस में थोड़ा शहद मिला कर हर 30 मिनट पर सेवन करते रहें ।

कान दर्द :- अदरक का रस गरम करके 2-3 बूंदें डाल दें। दस्त (बच्चों के लिए) :-अदरक का रस नाभी के चारों तरफ लगा दें ।

दिल की बीमारी (प्रतिरोध के रूप में ) :- 4 ग्राम अदरक की लेई तैयार करें उसमें थोड़ा तिल का तेल मिलाकर प्रतिदिन सबेरे सेवन करते रहें ।

उच्च रवत्तचाप :- प्रतिदिन 15-30 मि०ली० साफ अदरक-रस, थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करें ।

पीठ-दर्द :- 20 ग्राम अदरक छोटा काट दें। उसको एक बड़े चम्मच घी में भून कर सोने के पहले लगातार 15 दिनों तक खाएँ ।
सिर-दर्द :- सोंठ, हल्दी, और गोलमिर्च का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर एक कपडे में डालकर बत्ती बना दें । उसको जलाकर धुआँ नासिका में लें। साथ-साथ सोंठ को नींबू के रस में पीस कर माथे पर लगाएँ ।

सर्दी और फ्लू( प्रतिरोध) :- 10 ग्रा० सोंठ एक ग्लास पानी में उबाल  दें । गुड़ मिला कर रोज सोने के पहले वर्षाकाल के शुरू में सेवन करते रहें ।

सर्दी, छींक, नाक से पानी आना :- सोंठ का चूर्ण माथे पर रगड़ दें ।

अपच, भूख नहीं लगना, उल्टी, गर्भावस्था में उल्टी :- अदरक का साफ रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर 15 मि०ली० एक चुटकी नमक के साथ सेवन करें ।

मसा (corns) :- अदरक का रस और चूने का पानी बराबर मात्रा में मिला कर दिन में तीन बार एक या दो सप्ताह तक लगा दें ।

पेट में कीड़े :- अदरक का साफ रस, प्याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिला दें । उस में से 60 मि०ली० सोने के पहले 5 दिनों तक सेवन करे।

कटहल और दही खाने से अपच :- सोंठ का 1 कप काढा पिएं या सोंठ का 1/4 चम्मच चूर्ण सेवन करे ।

रुमाटिज्म (rhumatism) गठिया :- 30 ग्रा० सोंठ और 31 ग्राम रेड़ी की जड़ 4 ग्लास पानी में उबाल कर एक ग्लास काढ़ा तैयार करें और 1/2 गिलास दिन में 2 बार पिएं ।

शरीर की सूजन (swelling):- अदरक का 15 मि० ली० साफ रस, बराबर मात्रा दूध के साथ सेवन करे । 

गर्भावस्था में शरीर की सूजन :- 30 ग्राम सोंठ चार ग्लास पानी मेँ उबाल कर एक ग्लास काढा तैयार करें।
मात्रा: 1 कप काढे मे दूध, गुड़ और एक चुटकी पिपली का चूर्ण मिलाकर सेवन करे ।

कुचले के जहर के लिए प्रत्यौषधी:- सोंठ और गौलमिर्च 1 :1 अनुपात डाल कर काढा तैयार करें। मात्रा : 90 मि० ली० काढे में थोड़ा 'कनमदम' मिलाकर हर 15-20 मिनट पर पिलायें। (कनमदम दुकान से खरीद सकते हैं ।) 

कलिहारी के जहर के लिए प्रत्यौषधी :- अदरक की लेई एक चम्मच गरम पानी में मिलाकर मिलाएं। साथ-साथ अदरक-लेई पूरे शरीर पर लगाएँ ।

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