आज हम बाजार में मिलने वाले जंक फूड का सेवन ज्यादा मात्रा में करने लगे हैं। जैसा भोजन हम करना पसंद करते हैं हमारे बच्चे भी उन्ही भोजनों के आदि हो जाते हैं। आज बच्चे साग-सब्जियाँ एवं पपीता जैसे फल तो खाना ही नहीं चाहते हैं। इसे हम कच्चा और पका दोनों रूप में खा सकते हैं। आज हम पपीते के फ़ायदों (Papite ke fayde) के बारे बातें करेंगे। इसमे बहुत सारी गुणकारी तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के विभिन्न समस्याओं को दूर करती है।
पाचन तंत्र को सक्रिय रखता है - पपीते (Papita) में कई तरह के पाचक एंजाइम्स तथा डाइट्री फाइबर्स होते हैं। इसके सेवन से हमारी पाचन तंत्र सक्रिय रहती है, जिससे हमें पेट संबंधी समस्याओं से निजात मिलता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करता है - कोलेस्ट्रोल के थक्के दिल का दौरा पड़ने और उच्च रक्तचाप समेत कई अन्य ह्रदय रोगों का कारण बन सकते हैं। पपीते में फाइबर (Papite me faiber), विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। अपने इन्हीं गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी असरदार है। जो आपकी रक्त-शिराओं में कोलेस्ट्रोल के थक्के नहीं बनने देता।
कैंसर से बचाव - पपीते (Papaya) में स्थित एंटी-ऑक्सीडेंट, phytonutrients और flavonoids जैसे तत्व कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से आपकी रक्षा करते हैं। कैंसर से बचने के लिए पपीते के सुखाये हुए बीजों को पीसकर प्रयोग किया जा सकता है । कुछ अध्ययनों ने पपीते के सेवन (Papite ka sevan) से कोलन और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे के कम होने की पुष्टि भी की है।
वजन घटाने में - अगर आप अपनी वजन घटाने की सोच रहे हैं या यदि आपका वजन बहुत बढ़ गया है और इसे घटना अवश्यक हो गया है तो आप अपने भोजन में पपीते का सेवन (Papaya ka sewan) करना शुरू कर दीजिये। इसमें मौजूद फाइबर्स वजन घटाने में मददगार होते हैं।
रोग प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाता है - पपीता (Papita) आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मांग को पूरा करता है। ऐसे में अगर आप हर रोज कुछ मात्रा में पपीता खाते हैं तो आपके बीमार होने की आशंका कम हो जाएगी. यह आपकी रोग प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है और आपको बीमारियों से दूर रखता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाता है - पपीते में विटामिन सी तो भरपूर होता ही है साथ ही विटामिन ए भी पर्याप्त मात्रा में होता है. विटामिन ए आंखों की रोशनी (Aankhon ki roshni) बढ़ाने के साथ ही बढ़ती उम्र से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में भी कारगर है। इससे रातोंधी नमक रोग नही होता साथ ही साथ आँखों की रोशनी भी बढती है ।
इंफेक्शन या एलर्जी - इंफेक्शन होने या शरीर के किसी भाग में जलन, सूजन या दर्द होने पर पपीते के बीज राहत देने का कार्य करते हैं।
माँ का दूध बढ़ाता है - बच्चा मां के दूध पर निर्भर रहता है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि मां को पर्याप्त दूध नहीं होता, जिससे बच्चा भूखा रह जाता है। कच्चे पपीते की सब्जी (Kachche papita ki sabji) खाने से मां के दूध में वृद्धि होती है।
पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है - जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द की शिकायत होती है उन्हें पपीते का सेवन करना चाहिए. पपीते के सेवन से एक ओर जहां पीरियड साइकिल नियमित रहता है वहीं दर्द में भी आराम मिलता है.
जिन महिलाओं और लड़कियों का मासिक धर्म अनियमित है, देर से या जल्दी आता है, मासिक स्राव में दर्द होता है। पपीते से सूखे बीज पीस कर आधा चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी से फक्की मासिक स्राव आने के एक सप्ताह पहले से आरंभ करके मासिक धर्म का स्राव बन्द होने तक दो तीन महीने लेते रहने से मासिक धर्म के दोष दूर होकर मासिक धर्म आने लगता है।
[कुछ लोगों का कहना है - पपीते में गर्भ गिराने के शक्तिशाली गुण हैं। गर्भावस्था में पपीता नहीं खाना चाहिए।]
जिन महिलाओं और लड़कियों का मासिक धर्म अनियमित है, देर से या जल्दी आता है, मासिक स्राव में दर्द होता है। पपीते से सूखे बीज पीस कर आधा चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी से फक्की मासिक स्राव आने के एक सप्ताह पहले से आरंभ करके मासिक धर्म का स्राव बन्द होने तक दो तीन महीने लेते रहने से मासिक धर्म के दोष दूर होकर मासिक धर्म आने लगता है।
[कुछ लोगों का कहना है - पपीते में गर्भ गिराने के शक्तिशाली गुण हैं। गर्भावस्था में पपीता नहीं खाना चाहिए।]
लीवर मजबूत करता है - लीवर की समस्याओं से निजात दिलाकर पपीते के बीज उसे मजबूत बनाने का काम भी करते हैं। यह लीवर के लिए बेहतर भोजन हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है - जौभिकी पपीता का स्वाद (Papita ka swad) मीठा होता है पर इसमे शुगर की मात्र न के बराबर होता है अतः मधुमेह रोगियों के लिए आहार के रूप में एक बेहतरीन विकल्प है। वे लोग जो मधुमेह के मरीज़ नहीं हैं, इसे खाकर मधुमेह होने के खतरों को दूर रह सकते हैं।
गठिया रोगों से बचाता है - पपीते खाना आपकी हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है, इनमें विटामिन-सी के साथ-साथ सूजन-रोधी गुण होते हैं जो गठिया के कई रूपों से शरीर को दूर रखता है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-सी युक्त भोजन न लेने वाले लोगों में गठिया का खतरा विटामिन-सी का सेवन करने वालों के मुकाबले तीन गुना होता है।
झुरियों को दूर करता है - एक पपीता रोजाना अपने भोजन में शामिल करने से आप अपनी उम्र के मुकाबले अधिक युवा दिख सकते हैं। पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन सरीखे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो आपकी त्वचा को झुर्रियों से दूर रखते हैं।
कील-मुँहासे दूर करता है - अगर आप कील-मुंहासों से परेशान हैं तो कच्चे पपीते के गूदे (Kachche papita ke gude) को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाएं और जब वह सूख जाए तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। उसके बाद मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। एक महीने तक नियमित रूप से ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा। पपीते का उपयोग कई लोग प्रकृतिक ब्लीच के रूप मे भी करते है ।
पेट के कीड़े को मारता है - पपीते के दस बीज पानी में पीस कर चौथाई कप पानी में मिला कर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। इसका एक हफ्ते तक नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए।