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डायबिटीज क्या है? इसके लक्षण, प्रकार और घरेलू उपाय क्या है?

डायबिटीज क्या है? (What is Diabetes in hindi) डायबिटीज (मधुमेह) एक क्रोनिक, मेटाबोलिक बीमारी है, जो ब्लड ग्लूकोज  का लेवल बढ़ने से पैदा होती है। यह तब होता है, जब शरीर, खून में ग्लूकोज (शर्करा) के स्तर को ठीक से नियंत्रित करने में असमर्थ होता है, जिससे रक्तप्रवाह में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस अवस्था को मधुमेह या डायबिटीज की बीमारी कहा जाता है। लंबे समय तक डायबिटीज बीमारी होने से यह हार्ट, ब्लड वेसल्स, आँखों और किडनी समेत नर्व्स आदि अंगों को नुकसान पहुंचता है।  पैन्क्रियाज नामक ग्लैंड जब शरीर में इंसुलिन बनाना कम कर देता है या बंद कर देता है जिसके कारण ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है जिसे ही शुगर की बीमारी कहते  है। इंसुलिन खून में ग्लूकोज को कंट्रोल करने में मदद करता है।  जब हमारे शरीर में तय मानक से अधिक शुगर हमारे ब्लड में होता है तो इसे हाई ब्लड शुगर कहते हैं। हाई ब्लड शुगर से मरीज में हार्ट अटैक, किडनी फेल होना या फिर डायबिटिक कॉमा का खतरा होता है।  डायबिटीज कितने प्रकार के होते हैं?  (Types of diabetes in hindi) डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं - टाइप 1 डायबिटीज एवं टा
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अपने बच्चों को सुरक्षित भोजन देने के लिए इन बातों का अवश्य ध्यान रखें

अक्सर हम अपने जीवन में छोटी-छोटी बातों में ध्यान नहीं देते हैं जिससे कभी-कभी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते है। परंतु यदि हम अपने खाने-पीने में कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर कार्य करेंगे तो अपने बच्चों को कई तरह के गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। यहाँ हम आज सुरक्षित भोजन (Safe Food) के पाँच प्रमुख बातों के बारे जानकारी प्राप्त करेंगे।  1 - साफ-सफाई रखें खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने से पहले तथा भोजन पकाते समय हाथों को अच्छी तरह से धोएं। शौच के बाद साबुन से ठीक से हाथ धोएं। भोजन पकाने के लिए प्रयोग में आनेवाले बरतन और स्थान को ठीक से साफ रखें। रसोई घर तथा भोजन को कीड़े-मकोड़े, जंतु एवं जानवरों से सुरक्छित रखें। अधिकतर सूक्ष्मजीव बीमारियां नहीं फैलाते है । खतरनाक सूक्ष्मजीव व्यापक रूप से मिट्टी, पानी, जानवर एवं मनुष्यों में पाये जाते है। ये सूक्ष्मजीव हाथों, सूखे कपड़ों एतं बरतनों में पाये जाते है। इनके संपर्क से सूक्ष्मजीव भोजन में फैल जाते है तथा दूषित भोजन से उत्पन्न बीमारियों का कारण बनते है। 2. कच्चे एवं पके हुए भोजन को अलग रखें कच्चा मीट, चिकन तथा मांसाहार

नाड़ियों को शुद्ध करता है कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम क्या है? कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayam) में 'कपाल' का अर्थ 'ललाट' या 'मस्तिष्क' का सामने वाला भाग है। भाति का अर्थ लोहार द्वारा उपयोग में लायी जानेवाली धौकनी है। अतः इस अभ्यास से  'मस्तिष्क' (Brain) के सामनेवाले हिस्से को शुद्ध किया जा सकता है। पैट के अंगों, श्वसन क्रिया में सुधार तथा मन को शांत तथा जागरूक बनाने के लिए भी यह शक्तिशाली विधि है।  कपालभाति प्राणायाम कैसे करें? आरामदायक आसन में बैठ जाएं। रीढ की हड्डी, गरदन और सिर सीधा रखें। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर ज्ञान अथवा चित मुद्रा में रहेंगे। आंखों को सहजता से बंद कर लें। दोनों नासिका से गहरी सांस लेते हुए पेट को फुलाएँ तथा बलपूर्वक सांस छोड़ते हुए पेट की पेशियों को पूर्णत: संकुचित करें, अधिक जोर नहीं लगाएं। अगली श्वास उदर की पेशियों को बिना प्रयास फैलाते हुए लें और थोड़ा जोर लगाते हुए श्वास छोड़े। इसे लगातार 10 बार करें और इस तरह 10-10 के तीन चक्र अभ्यास करें। बाद में एक चक्र में 20 से अधिक या क्षमतानुसार श्वसन करें। चक्रो की संख्या बढा सकते हैं। सबसे उचित होगा

आज-कल के स्मार्टफोन में बैटरी अंदर ही क्यों फिक्स होती है?

आप जो स्मार्टफोन प्रयोग करते हैं या पहले करते थे, आपने देखा होगा कि आप उसके बैटरी बाहर निकाल सकते थे, परंतु अब जो नये स्मार्टफोन आ रहे हैं। उनमें बैटरी स्मार्टफोन के अंदर ही फिक्स होता है। इसे हम खुद नहीं निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको स्मार्टफोन के सर्विस सेंटर ही ले कर जाना होगा। क्या आपने सोचा है स्मार्टफोन कंपनियों ने ऐसा क्यों किया।  यह देखा गया है कि वैसा स्मार्टफोन जिसका बैटरी हम बाहर निकाल सकते है, तो जैसे ही हमारे स्मार्टफोन के बैटरी में कोई समस्या आती है या बैटरी कार्य नहीं करता है तो हम अपने क्षेत्र के किसी भी मोबाइल दुकान में जाकर अपने स्मार्टफोन का बैटरी बदलवा लेते है। ऐसे बैटरी अच्छी गुणवत्ता कि नहीं होती है और बैटरी फटने जैसी घटनाएँ होती रहती है।  आज लगभग सभी बड़ी कंपनियाँ स्मार्टफोन में बैटरी इनबिल्ट रख रही है। इसका मुख्य मकसद यह है कि बैटरी फटने जैसी घटनाओं को रोका जा सके। इससे न केवल उपभोगता को सुरक्षा मिलती है परंतु इससे स्मार्टफोन कंपनियों को भी बहुत फायदे हुए हैं।  सामान्य रूप से अब यदि हमारा स्मार्टफोन का बैटरी खराब होगा तो बैटरी बदलने के लिए हमें सर्व

कहीं आपका बेटा या बेटी डिप्रेशन का शिकार तो नहीं - जानें क्या है इसके कारण और लक्षण

भारत में डिप्रेशन एक प्रमुख सार्वजनिक स्वस्थ्य समस्या है। जिसके कारण रोगों की संख्या, विकलांगता तथा मृत्यु दर में काफी बृद्धि हुई है जिसके काफी हद तक सामाजिक, आर्थिक नुकसान हो रहे है।  डिप्रेशन का विकार (Depression disorders) बड़ी संख्या में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों, शहरों एवं झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों, युवाओं, महिलाओं, पुरुषों एवं बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है।  तनाव के कई कारण (causes of depression) है जिनमें जैविक, सामाजिक, शारीरिक एवं सांस्कृतिक कारक शामिल है। तनाव और आत्महत्या एक दूसरे से जुड़े हुए है। तनाव का सबसे खराब स्थिति ही व्यक्ति को आत्महत्या की ओर प्रेरित करता है। तनवग्रस्त व्यक्ति से प्रायः परिवार एवं समाज दूरी बनाने लगता है, उसे बहिष्कृत करने लगता है, दोस्त-मित्र कम बातें करने लगते है।  दुनिया में आज लगभग 300 मिलियन लोग तनाव से ग्रसित है जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल है। इसमें पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक है। लगभग आठ लाख लोग प्रति वर्ष तनाव के कारण आत्महत्या कर जान दे देते है। यह 15-29 वर्ष के युवाओं में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारक है। डि

हृदय रोगियों को हल्के आसन करना फायदेमंद, जाने कौन-कौन से हैं ये आसन

 जब आप शरीर से स्वस्थ्य रहेंगे तो आप हर मुश्किल का सामना कर सकेंगे। स्वस्थ जीवन के लिए योगासन बेहद जरूरी है। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी हमे स्वास्थ्य रखता है। परंतु क्या हर तरह का योगासन हर व्यक्ति के लिए अनुकूल होता है। हमारा जबाब होगा नहीं। योगासन भी एक अच्छे प्रशिक्षक कि निगरानी में होना चाहिए। हर बीमारी के लिए अलग-अलग योगासन निर्धारित किया गया है। आज हम यहाँ हृदय रोगियों को कौन-कौन सा योगासन करना फायदेमंद होगा इसके बारे चर्चा करेंगे। हृदय रोगियों को कभी भी कठिन आसन नहीं करना चाहिए। कठिन आसन करने से रोगी पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। अतः आज हम यहाँ हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद कुछ हल्के आसनों कि चर्चा करेंगे। (Yogasan for heart patient in hindi) अनुलोम-विलोम (Anulom - Vilom in hindi) यह एकमात्र प्राणायाम है जिसे कोई भी कर सकता है। इससे शरीर के अनुकंपी और परानुकंपी तंत्रिका तंत्र संतुलित होते हैं। जिससे हृदय की धड़कन सही रहती है। इसको एक सिटिंग में 5-10 मिनट की अवधि तक कर सकते हैं।  करने की विधि: इस प्राणायाम को करने के लिए सुबह का समय और खाली पेट होन

डांस करने एवं संगीत सुनने से होता है आपका दिमाग मजबूत

आज यदि आप जिंदगी में तेजी से सफलता पाना चाहते हैं तो आपके दिमाग का मजबूत होना अति आवश्यक है। आपका मेमोरी पावर अच्छी होनी चाहिए। बिना अच्छी मेमोरी पावर के आप कार्यों को अच्छी तरीके से नहीं कर पाएंगे। न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में हाल में हुए शोध कार्यों से दिमाग के बारे में कई महत्वपूर्ण बातों का पता लगा है। हर उम्र में आपके दिमाग के अंदर चीजों को ग्रहण करने और विकसित करने कि अद्भुत क्षमता होती है। हमारा दिमाग लगातार विकास करता रहता है। हम हर दिन नए-नए ज्ञान को अर्जित करते रहते है जिससे हमारा दिमाग हर दिन मजबूत होता जाता है। वैज्ञानिकों ने शोध के उपरांत कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताए हैं जिसे करने से हमारा दिमाग मजबूत होता है हमारी स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा जटिल कार्यों के करने के लिए दिमाग को एकाग्र करने कि शक्ति मिलती है। आज हम यह जानेंगे कि किन-किन कार्यों को कर हम अपने दिमाग को और मजबूत बना सकते हैं। अपने दिनचर्या में डांस को शामिल करें शोध में यह पता लगा है कि जो लोग नियमित डांस करते हैं उनका दिमाग मजबूत होता है। वे जटिल चीजों का विश्लेषण कर लेते हैं। वे दूसरों को तुरंत प्रतिक्